दुनिया में हर इंसान को किसी न किसी से बेपनाह मुहब्बत होती है। यह जरूरी नहीं कि जिससे मुहब्बत की जाये वह भी इंसान ही हो। वह कोई भी निराकार, अदृश्य, मायावी, भौतिक और यहाँ तक कि निर्जीव चीज भी हो सकती है। सही कहा है-दिल तो है दिल, दिल का एतबार क्या कीजे। आ गया जो किसी पे प्यार क्या कीजे। जरा नज़र दौड़ाए कि किस को किस से प्यार है तो पता चलेगा कि अगर उनसे वो चीज छीन ली जाये तो उनका कितना बुरा हाल होगा। प्यार करने वाले उन चीजों को हासिल करने के लिये कुछ भी कर सकतें हैं।
आधुनिक लौह पुरूष आडवाणी जी को प्रधानमंत्री पद और रथयात्राओं से। बहन मायावती जी को मूर्तियों से, चाहे वे हाथियों की हों या फिर स्वयं अपनी। योग गुरू रामदेव को कालेधन के खिलाफ बोलने और पत्रकार वार्ता करने से। रेड्डी बंधुओं को अवैध खनन से।
सच्चे कांग्रेसी नेताओं को श्रीमती सोनिया गांधी और राजकुमार राहुल का गुणगान करने से। दिगविजय सिंह जी को विवादित बयान देने से। बीसीसीआई को आईपीएल से। सुधीन्द्र कुलकर्णी को स्टिंग ऑपरेशन करने से। राजस्थान के मंत्री महिपाल मदेरणा जी को सीडी से। न्यूज चैनलों को टीआरपी रेटिंग से। राहुल गांधी को लिखा-लिखाया भाषण पढऩे से। नरेन्द्र मोदी को छह करोड़ गुजरातियों से, और आजकल सद्भावना यात्राओं से। अमिताभ बच्चन को कर्मकांडी पूजा-अर्चनाओं से। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी जी को चटपटे व स्वादिष्ट व्यंजनों से। अमरसिंह जी को बॉलीवुड बालाओं से। सलमान खान को अपने कंवारेपन से।
सुश्री जयललिता जी को स्वर्णाभूषणों से। लालू यादव जी को चारे से। भारतीय क्रिकेट खिलाडिय़ों को विज्ञापनों से। सचिन तेंदुलकर को व्यक्तिगत रिकॉर्ड से। यूपीए सरकार को 2001 के भाव में 2008 का स्पेक्ट्रम बांटकर गरीबों का भला करने से। अलगाववादियों को अफजल गुरू से। प्रशांत भूषण को जनमतसंग्रह से। सांसदों को अपने विशेषाधिकारों से। अन्ना एंड पार्टी को जनलोकपाल बिल से। नारायण दत्त तिवारी को अपने डीएनए से। सीबीआई को चिदम्बरम जी से। और भाजपा को सत्ता से बहुत प्यार है।
प्यार-मुहब्बत के इस रोमांचक माहौल में अगर कांग्रेस को भष्टाचार से प्रेम है तो उसने कौनसा अपराध कर दिया है। प्यार किया तो डरना क्या? प्रधानमंत्री जी मुहब्बत की इस जंग में पूरा देश आपके साथ है। हम मध्यावधि चुनाव किसी कीमत पर नहीं होने देंगे।
सबको अपने प्रेम का अधिकार हो।
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