रालेगण सिद्धी के 'अपमानित' सरपंच ताल ठोक कर कह रहे हैं कि वे अब जीवन में कभी भी राहुल गांधी से नहीं मिलेंगे। वजह यह है कि उन्हें दिल्ली बुलाकर भी मिलने का समय नहीं दिया। अरे भई, राहुल भारत के भावी प्रधानमंत्री हैं। उन्हें बहुत काम-काज रहता है। समय नहीं मिल सका। इसमें इतना हायतैबा मचाने की कहां जरूरत आ पड़ी।
हो सकता है कि राहुल उस सरपंच की यह परीक्षा ले रहे हों कि वह खुद अन्ना हजारे के कथनों का कितना पालन करता है। दरअसल अन्ना हजारे ने कुछ सिद्धांत ‘वगैरह’ बना रखे हैं जिनमें अपमान सहना भी शामिल है।
अन्ना खुद भी कई बार कह चुके हैं कि इंसान में अपमान सहने की शक्ति होनी चाहिये। आज अन्ना के गांव का सरपंच ही अन्ना के सिद्धांतों को नहीं मान रहा है और कथित अपमान का घूंट पीना उसे जहर पीने जैसा लग रहा है। इसे कहते हैं - चिराग तले अंधेरा।
हो सकता है कि राहुल उस सरपंच की यह परीक्षा ले रहे हों कि वह खुद अन्ना हजारे के कथनों का कितना पालन करता है। दरअसल अन्ना हजारे ने कुछ सिद्धांत ‘वगैरह’ बना रखे हैं जिनमें अपमान सहना भी शामिल है।
अन्ना खुद भी कई बार कह चुके हैं कि इंसान में अपमान सहने की शक्ति होनी चाहिये। आज अन्ना के गांव का सरपंच ही अन्ना के सिद्धांतों को नहीं मान रहा है और कथित अपमान का घूंट पीना उसे जहर पीने जैसा लग रहा है। इसे कहते हैं - चिराग तले अंधेरा।